20th May 2020
हम लोग डाउन के चौथे चरण में पहुंच चुके हैं और यह स्थितियां बड़ी चिंता जनक है क्योंकि भारत की आबादी के घनत्व को देखते हुए कितनी भयावह स्थिति आने वाली है इसका अंदेशा लगाना बहुत आसान है।अपने देश के प्रति हर नागरिक का कर्तव्य बनता है कि वह इस स्थिति को गंभीरता से समझे और कोरोना महामारी से बचने के लिए सभी संभावित सावधानियां बरतें।
हम लोग डाउन के चौथे चरण में पहुंच चुके हैं और यह स्थितियां बड़ी चिंता जनक है क्योंकि भारत की आबादी के घनत्व को देखते हुए कितनी भयावह स्थिति आने वाली है इसका अंदेशा लगाना बहुत आसान है।अपने देश के प्रति हर नागरिक का कर्तव्य बनता है कि वह इस स्थिति को गंभीरता से समझे और कोरोना महामारी से बचने के लिए सभी संभावित सावधानियां बरतें।हम सब को समझ लेना चाहिए कि देश का और अपने परिवार की सुरक्षा का कर्तव्य हम सबका है क्योंकि अभी तक इस महामारी से बचने के लिए कोई पुख्ता उपाय या दवा या फिर वैक्सीन नहीं आई है ।ऐसे में सिर्फ और सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग एकमात्र उपाय है ।जिसका हम सब को कड़ाई से पालन करना चाहिए।
कोरोना महामारी से बचने के लिए अधिकांश लोग अपने स्तर पर सावधानी बरत रहे हैं। इसी में से एक है सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना। हालांकि, कई बार आपने भी यह महसूस किया होगा कि ग्रॉसरी स्टोर, सब्जी खरीदते समय या मेडिकल स्टोर्स आदि पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन पूरी तरह से नहीं कर रहे हैं। ऐसे में मन में यह प्रश्न आना लाज़मी है कि आप कैसे ना सिर्फ खुद को इन्फेक्ट होने से बचाएं, बल्कि दूसरों में भी इस बात की समझ विकसित करें कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करना कितना ज़रूरी है। आपके मन में उमड़ रहे इन्हीं सवालों का जवाब आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से देंगे। आइए शुरू करते हैं।
अथॉरिटी से बात करें
यदि आप किसी पब्लिक प्लेस पर हैं, जहां लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं, तो ऐसे में लोगों को खुद कभी ना टोकें। इससे बात बिगड़ सकती है और कहासुनी होने की स्थिति में आप एक -दूसरे के बेहद पास आ जाएंगे, जिससे इन्फेक्शन का खतरा कई गुना तक बढ़ सकता है। बेहतर होगा कि वहां मौजूद सक्षम व्यक्ति से इस बारे में बात करें और उसके माध्यम से सोशल डिस्टेंसिंग की बात लोगों तक पहुंचाएं। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी मेडिकल स्टोर पर हैं तो वहां के संचालक से इस बारे में बात करके समाधान निकालें। नहीं तो अथॉरिटी को सूचना दें जो कि अपने स्तर पर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए जागरूक करें।
अपने विचार थोपें नहीं
सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो नहीं करने वालों पर अपने विचार कभी ना थोपें, हो सकता है कि कोरोना संक्रमण को लेकर उसकी समझ आपसे कुछ अलग हो। ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, सामने वाले की बात भी सुनें और उसे समझने की कोशिश करें, हो सकता है कि आपके द्वारा दी गई जानकारी से प्रभावित होकर वह भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने लगे।
चर्चा से समाधान
यदि आपका कोई परिचित या घर का सदस्य सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो नहीं कर रहा है तो उसके साथ पूरी ईमानदारी से बात करें। साथ बैठें, सोशल डिस्टेंसिंग से होने वाले फायदों और कैसे वह इसे अपना कर खुद और आसपास के लोगों को सुरक्षित रख सकता है यह बताएं।
अपनी जिम्मेदारी निभाते चलें
अंत में सबसे ज़रूरी बात - अपनी जिम्मेदारी निभाते चलें। जी हां, क्योंकि आप दूसरों को सिर्फ समझा ही सकते हैं लेकिन खुद सारे कदम पूरी पूरी ईमानदारी से उठा सकते हैं। इसलिए, सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर आप जितना और जो भी प्रयास अपने स्तर पर कर सकते हैं करें। याद रखें, यदि प्रत्येक व्यक्ति खुद के प्रति भी ईमानदार हो जाए तो समाज में बड़ा बदलाव संभव है।
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