सुबह की चाय से लेकर रात के खाने तक हर चीज़ में मसालों का भरपूर मात्रा में प्रयोग किया जाता है। क्यों की किसी भी सब्जी की कल्पना मसालों के बिना की ही नहीं जा सकती है। दरअसल, भारतीय रसोई में खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए तेल और मसाले बेहद ज़रूरी समझे जाते हैं। दरअसल, ये मसाले खाने का ज़ायका और इसकी रंगत तो बढ़ाते ही है, मगर साथ ही हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यूनिटी का भी विकास करते हैं। यानि रसोई में ही हमारी सेहत का राज़ छिपा हुआ है। हम गौर करें, तो हमारे रसोईघर में कई ऐसे मसाले हैं जो इम्युनिटी को बढ़ाकर कई रोगों के जोखिम से हमें बाल बाल बचा सकते हैं। सेहत के लिए मुफीद बताए जाने वाले ये मसाले पेड़ के फल, पत्तियों, बीज, छाल या जड़ों से मिलते हैं। दरअसल, कोरोना जैसी महामारी के इस दौर में हमें खानपान में ऐसी चीजों को ज्यादा से ज्यादा खाना चाहिए जो इम्युनिटी को बढ़ा सकें। इम्युनिटी बढ़ाने में भारतीय मसालों से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। जी हां लौंग, इलायची, लाल मिर्च, काली मिर्च, दालचीनी और धनिया के बीज जैसे इन सभी मसालों के असाधारण स्वास्थ्य लाभ हैं। ये मसाले हमें कई तरह के संक्रमणों से दूर रखने के अलावा वजन को कम करने में भी हमारी मदद करते हैं। तो आइए जानते हैं, कि मसाले कैसे बन रहे हैं, हमारी सेहत के रखवाले। सबसे पहले बात करेंगे जावित्री की।
जावित्री
जावित्री एक तरह का मसाला है] जो फाईबर से भरपूर है और मेटाबोलिज्म मज़बूत करने में मददगार साबित होता है। ऐसे में इसका सेवन हमारे शरीर के लिए बेहद लाभदायक है। जावित्री जायफल का बीज होता है। ये रंग में हल्के पिले] सुनहरे रंग का होता है। अपने पोषक तत्वों के कारण जावित्री को आयुर्वेदिक औषधी के रूप में जाना जाता है। जावित्री में तांबा और आयरन बहुत अच्छी मात्रा में होते हैं। मसाले के तैार पर इस्तेमाल होने वाला जावित्री ब्लोटिंग] कब्ज और गैस से संबंधित समस्याओं को सफलतापूर्वक दूर कर देता है। केवल इतना ही नहीं, यह मसाला आँतों के कार्यों को भी नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है। मतली का इलाज करने के लिए भी इस मसाले का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा पेट खराब और पेट फूलना का इलाज भी बखूबी करता है।
घरेलू नुस्खे
जावित्री का उपयोग मिठाई] पुडिंग] मफिन] केक और ब्रेड बनाने में कर सकते हैं।
इसे मसाला चाय या मसाला दूध बनाने के लिए उपयोग कर सकते हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
जावित्री मसाले का उपयोग भोजन] अचार और सॉस बनाने में किया जा सकता है] ताकि खाने का स्वाद बढ़ाया जा सके।
जावित्री का उपयोग सूप] उबले हुए आलू और चावल के साथ भी कर सकते हैं।
हींग
सब्जि में हींग मिलाते है ही उसका स्वाद पूरी तरह से बदल जाता है। ठीक उसी तरह से चुटकी भर हींग हमारी सेहत के लिए इस्तेमाल करें, तो हम कई बीमारियों से बच सकते हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीबायोटिक और एंटीवायरल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती हैं। हींग की खासियत ये है कि पेट की ज्यादातर समस्याओं का इलाज करने के लिए ये एक तरह का कारगर उपाय है। अपच] खराब पेट] गैस] पेट के कीड़े] पेट फूलना और इर्रिटेबल आंत्र सिंड्रोम जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं। यह फूड पाइजनिंग के उपचार में भी उपयोगी माना जाता है।
घरेलू उपचार
चेहरे पर ग्लो लाने और एंटी एंजिग के तौर पर इसे कई तरह के फेस पैक में इस्तेमाल भी किया जाता है।
हींग को उबले हुए पानी में घोल लें और उस पानी से गरारे करें। ऐसा दिन में 2 से 3 बार करें, इससे गले की खराश दूर हो जाएगी और आपका गला ठीक हो जाएगा।
कब्ज जैसी शिकायत है तो भोजन में हींग का इस्तेमाल करें। ये भोजन को पचाने में सहायक होती है।
हींग को पानी में उबालकर कुल्ला करने से भी दांतों के दर्द से राहत मिलती है।
हल्दी
हल्दी को सर्वगुणसंपन्न कहा जाता है। जो हमारी इम्यूनिटी को मज़बूत बनाने में बेहद कारगर साबित होती है। दरअसल, हल्दी में क्योरक्यूमिन नाम का तत्व बड़ी मात्रा में पाया जाता है। मसालों में शुमार हल्दी जलन] तनाव] दर्द और भी कई तरह की तकलीफें दूर करने में काफी सहायक होती हैं।
घरेलू उपाय
हल्दी पॉउडर को गर्म पानी में मिलाकर गार्गल करने से काफी फायदा प्राप्त होता है और गले में खराश की समस्या भी हल हो जाती है।
एक चुटकी हल्दी और आधा चम्मच शहद को दूध में मिलाकर रोजाना सोते समय लें। लेकिन शहद को गैस पर पकाने से बचें। इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए हल्दी बहुत उपयोगी है। शहद भी इम्यूनोमॉड्यूलेटर है। यह एक आसान उपाय इम्यूनिटी के लिए वरदान है।
छोटी इलायची
छोटी इलायची अपने अंदर बहुत शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट गुण समेटे हुए हैं] जो शरीर में खोए गए विटामिन की भरपाई करने में मदद करते हैं। इसमें तांबा, लोहा, मैंगनीज और रिबाफ्लैविना, विटामिन सी और नियासिन जैसे आवश्यक विटामिन भी हैं, जो थकान और कमजोरी जैसे एनीमिया के लक्षणों से लड़ने के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व लाल रक्त कोशिकाओं और सेलुलर चयापचय के उत्पादन में मदद करते हैं।
घरेलू उपाय
यदि गले में सूजन आ गई हो, तो मूली के पानी में छोटी इलायची पीसकर सेवन करने से लाभ होता है।
सर्दी, खाँसी और छींक होने पर एक छोटी इलायची] एक टुकड़ा अदरक, लौंग तथा पाँच तुलसी के पत्ते एक साथ पान में रखकर खाएँ।
बड़ी इलायची पाँच ग्राम लेकर आधा लीटर पानी में उबाल लें। जब पानी एक चौथाई रह जाए] तो उतार लें। यह पानी पीने से उल्टियाँ बंद हो जाती हैं।
दालचीनी
दालचीनी में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं] जो किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं। दालचीनी एक अत्यधिक एंटी-इंफ्लेमेटरी मसाला है। जिसके कारण यह हमारे आंत को हेल्दी रखने में मददगार साबित होता है। साथ ही हमारा दिमाग शांत और संतुष्ट रहता है। यह निश्चित रूप से एक बेहतरीन एनर्जी बूस्टर मसाला है।
घरेलू उपाय
दालचीनी गैस की समस्या दूर करने में मदद करती है। इसके लिए एक चम्मच दालचीनी पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर पीजिए। आप चाहें तो इसमें शहद भी डाल सकते हैं।
दालचीनी को पानी में खूब बारीक पीसकर लेप बनाकर सर पर लगाने से सिरदर्द में काफी फायदा होता है।
बलगम वाली खांसी या कफ होने पर दालचीनी] अदरक] लौंग] इलायची को गर्म पानी में चाय की तरह उबालकर और छानकर पियें
काली मिर्च
काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। जो खराब बैक्टीरिया से हमें दूर रखने में हमारी मदद करता है। काली मिर्च में विटामिन ए और विटामिन सी, दोनों पाए जाते हैं। इसके अलावा काली मिर्च रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ शरीर को डीटॉक्स करने में भी मदद करती है। काली मिर्च को आमतौर पर ढंककर रखा जाता है, क्योंकि खुला रहने पर इसका स्वाद और खुशबू दोनों ही वक्त के साथ कम हो जाते हैं। बढ़िया स्वाद के लिए ज्यादातर लोग साबुत काली मिर्च लेते हैं और उसे ताजा पीसकर इस्तेमाल करते हैं। काली मिर्च एक ऐसी जीवाणुरोधी जड़ी बूटी है जो नेचुरल तरीके से आपकी इम्यूनिटी को बनाने और बढ़ाने में मदद करता है।
घरेलू उपाय
काली मिर्च और गुनगुना पानी शरीर में बढ़ा हुआ फैट कम करता है। साथ ही यह कैलोरी को बर्न करके वजन कम करने में भी मदद करता है।
एक कप पानी में नींबू का रस और काली मिर्च का चूर्ण और नमक डालकर पीने से गैस व कब्ज की समस्या कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है।
गुनगुने पानी के साथ काली मिर्च का सेवन करने से शरीरिक क्षमता बढ़ती है। साथ ही शरीर में पानी की कमी नियंत्रित होती है। यह शरीर के अंदर की एसिडिटी की समस्या को भी खत्म करता है।
चाय मसाला
स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरुकता के कारण पारंपरिक चाय के स्थान पर दूसरी किस्मों की चाय जैसे ग्रीन टी] येलो टी] लैमन टी आदि को तवज्जो मिलनी शुरू हो गई है। मगर पारंपरिक चाय में महज मसाले मिला देने से वह अन्य की तुलना में अधिक फायदेमंद साबित हो सकती है। मसाला चाय बनाने के लिए जिन मसालों की जरूरत होती हैए वे आपकी किचन में आसानी से उपलब्ध होते हैं] जैसे लौंग] इलायची] अदरक] दालचीनी] तुलसी और चायपत्ती।
घरेलू उपाय
चाय में इस्तेमाल होने वाले मसालों का नियमित सेवन पाचन और पैंक्रियाज में एंजाइम्स को स्टिमुलेट करता है। इससे ऑक्सीजन लेने की क्षमता बढ़ती है।
मसाला चाय में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोकेमिकल हमारी प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
अगर खंासी या जुकाम है तो मसाला चाय ऐसे रोगों को दूर करने में भी मददगार होती है।
ब्लैक टी
सुबह उठकर ब्लैक टी पिएंए ब्लैक टी एंटी.ऑक्सीडेंट से भरपूर होती है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होने से बीमारियां जल्दी नहीं होती हैं और स्वास्थ्य बेहतर बना रहता है। इतना ही नहीं, ब्लैक-टी और मेथी का मिश्रण इम्युनिटी बढ़ाने का सबसे कारगर आयुर्वेदिक दवा होती है। अगर आप भी पसीने की दुर्गंध से परेशान हैं तो आपके लिए ब्लैक टी पीना काफी फायदेमंद रहेगा। ये बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता, जिससे पसीने से बदबू नहीं आती है।
घरेलू उपाय
दो टी-स्पून मेथी पाउडर में एक कप ब्लैक-टी मिलाकर सुबह और शाम पीएं। इससे इम्युन सिस्टम मजबूत होगा।
लौंग
लौंग में मौजूद विटामिन सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। लौंग प्राचीन समय से दवा में इस्तेमाल किया जाने वाला एक सामान्य मसाला है। लौंग में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं] जो हमारे शरीर को मज़बूती प्रदान करता है। इसे चाय में उबालकर पीने इसमें नीहित एंटीवायरल गुणों का लाभ उठाया जा सकता हैं। सर्दी और खांसी के लिए यह एक प्रभावी उपाय है। यह गले की सूजन को कम करता है और बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है।
घरेलू उपाय
बुखार आने पर दो लौंग और 4-5 तुलसी के पत्ते एक कप पानी में उबाले लें और शहद मिलाकर पीने से काफी लाभ मिलता है।
लौंग सूंघने से बंद नाक में आराम मिलता है।
गर्म पानी में रोजाना तीन-चार चम्मच लौंग का तेल मिलाकर पानी से संक्रमण नहीं होता है और सांस लेना भी आसान हो जाता है।
सूखा धनिया
सूखा धनिया यानी धनिया के बीज में लिनलूल जैसे एंटीऑक्सिडेंट कम्पाउंड होते हैं जो कि मुक्त कणों के कारण होने वाली सेलुलर क्षति को रोकते हैं और शरीर में सूजन से लड़ते हैं। प्रयोगशाला अध्ययनों के मुताबिक इसके टेरपिन और क्वेरसेटिन कम्पाउंड्स में एंटीकैंसर] इम्यूनिटी बढ़ाने और न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव हो सकते हैं। यह सांस की बीमारियों के लिए एक प्रभावी उपाय है जो इसे एक प्रभावी इम्यूनिटी बूस्टर मसाला बनाते हैं। यह किसी प्रकार के बैक्टीरिया के संक्रमण को रोक सकता है] खासकर साल्मोनेला से होने वाले संक्रमण को।
घरेलू उपाय
तीन बड़े चम्मच धनिये के बीज एक गिलास पानी में उबालें] जब पानी आधे से कम हो जाए तो इसे छान लीजिए। इस पानी को रोजाना दो बार पीने से वजन घटने लगेगा।
दो कप पानी में धनिये के बीज] जीरा] चाय पत्ती और शक्कर डालकर अच्छे से मिला ले। इस पानी को पीने से एसिडिटी में आराम मिलता है।
पेट में दर्द होने पर आधा गिलास पानी में दो चम्मच धनिया के बीज डालकर पीने से पेट दर्द से राहत मिलती है।
दो कप पानी में धनिये के बीजए जीराए चाय पत्ती और शक्कर डालकर अच्छे से मिला ले। इस पानी को पीने से एसिडिटी में आराम मिलता है। पेट में दर्द होने पर आधा गिलास पानी में दो चम्मच धनिया के बीज डालकर पीने से पेट दर्द से राहत मिलती है।
अदरक
अदरक एक एक पौधा है जो फ्लू की रोकथाम के प्राकृतिक उपचारों में से एक है। यह बॉडी की इम्यूनिटी को बढ़ाता है और बॉडी की सुरक्षित रखने में मदद करता है। अदरक सर्दी, बुखार और फ्लू की स्थिति से लड़ने के लिए जाना जाता है, और सूजन को कम करने के लिए भी अच्छा है।
गिलोय
गिलोय एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होती है जो हमारी फ्री रेडिकल्स से रक्षा करता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है। रोजाना गिलोय का काढ़ा पीने से हमारा स्वास्थ्य उचित बना रहता है।
लहसुन
तीखा और मसालेदार स्वाद वाला लहसुन एक शक्तिशाली प्राकृतिक एंटीबायोटिक, एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल, और इम्यूनिटी बढ़ाने वाले गुण मौजूद होते है। सैकड़ों वर्षों से इसका इस्तेमाल वायरल संक्रमणों के इलाज के लिए किया जा रहा हैं, और इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण, हार्ट हेल्थ के लिए भी बहुत अच्छे होते है।
आंवला
आंवला एंटी-बैक्टीरियल और एस्ट्रिजेंट गुणों से भरपूर होता है जो आपके इम्यून सिस्टम को बढ़ाता है। आंवला एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है और बॉडी से फ्री रेडिक्लस को दूर करता है। रोजाना आंवला का सेवन आपको फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में हेल्प करता है।
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