बदलते समय में बदल रहा है काम करने का तरीका भी। इस तरीके में सबसे ज्यादा जो बदलाव आया है वो है ऑफिस की कार्यशैली में। आज के समय में अपने कलीग को खुश रखना एक अच्छा प्रदर्शन माना जाता है। तो सभी काम करने से ज्यादा जुट जाते हैं अपने कलीग को खुश करने में। अगर आप भी ये काम करते हैं या करती हैं, सिर्फ इसलिए ताकि आपकी छवि बेहतर बनी रहे और अच्छे दिख रहे हैं तो ये बिलकुल गलत है। आज इस लेख के जरिये आपको बताएंगे की आप अपने आप को इन सब से कैसे अलग रखे।

1. कलीग्स को खुश करना आपकी जिम्मेदारी नहीं– जी हां, ये बिलकुल सच है कि अगर आप अपने कलीग या सहयोगियों को खुश करने में लगे रहते हैं तो ऐसा करना आपकी जिम्मेदारी बिलकुल भी नहीं है। अगर आप अपने कलीग के लिए सहयोगी और दयालु हैं तो ये गलत नहीं है। लेकिन अपनी जगह को बरकरार रखने के लिए उनकी हां में हां मिलाना बिलकुल भी ठीक नहीं है। आप अपनी सकारात्मकता, बढ़िया प्रदर्शन और काम से अपना आत्मविश्वास तो बढ़ाएंगे ही, साथ में कैरियर का पद भी पूरी तरह से प्रभवित करेगा।

2. खुद को पहचानें और बदलें– आपका पहला सबसे अहम कदम यही है कि आप खुद को और अपना पहला कदम पहचाने। आप दूसरों को क्यों खुश करने में लगे रहते हैं इसके कई कारण हो सकते हैं। जैसे अस्वीकृति का डर, साथियों के बीच स्वीकृति, विफलता या अधिकता। इन सबसे दूर रहने के लिए आप खुद को काम मेंब बीजी रखिये और दूसरों से खुद को उपर रखिये। इस बदलाव में समय लगेगा लेकिन बेहतर के लिए होगा।

3. अपने महत्व को पहचानें– सबसे पहले आपको अपनी महत्वता पता होनी चाहिए और अगर नहीं पता है तो इसे जानना अपना अधिकारिक लक्ष्य मानें। यह आपके कार्यालय क्षेत्र में आपके कद को सुधारने के आपके लक्ष्य की शुरुआत को चिह्नित करेगा।

4. ‘नहीं’ की डाले आदत– हां में हां मिलाना हर वक्त ठीक नहीं, ये आपकी पर्सनालिटी और व्यक्तिगत सोच पर भी बेहद बुरा असर डालता है। इसके लिए कभी कभी नहीं शब्द का इस्तेमाल कीजिये। अगर आप पर आपके साथियों का साथ नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है तो उनसे दूरी बनाने में ही समझदारी है। जब आप गलत बातों के लिए नहीं शब्द से दोस्ती कर लेंगे तो यकीन मानिये आपका सम्मान आपकी नजर में दोगुना हो जाएगा।

5. लीजिये पर्याप्त समय– खुद को बदलने के लिए किसी जल्दबाजी की जरूरत नहीं है। इस परिवर्तन को आपके व्यक्तित्व को प्रतिबिंबित करने के लिए समय की आवश्यकता है। जल्दबाजी करना ठीक नहीं। पहले आपको खुद में बदलाव लाने के लिए पर्याप्त समय लेने की जरूरत है।

6. खुलकर मांगे और करें मदद– दूसरों से मदद माँमांगने में संकोच न करें। आप हमेशा अपने सहकर्मियों को विश्वास दिला सकते हैं कि आप उनकी मदद करने और जरूरत पड़ने में मदद मांग सकते हैं। इसके साथ, आप काम पर अपने अवसरों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। ऐसा नहीं है कि आप अपने साथियों से बात करना बंद कर दें। आप अपने काम के साथ साथ एक शांतिपूर्ण बातचीत और सहकर्मियों के साथ संबंधों को बनाए रख सकते हैं।

7. ना लें पूरी जिम्मेदारी– अगर आपको लगता है कि ऑफिस का कोई भी काम, किसी से भी बिना आपकी मदद के पूरा नहीं किया जा पाएगा। तो आप गलत हैं। आपको ये समझने की जरूरत है कि हर काम को सुनिश्चित करना सिर्फ आपकी जिमीदारी नही है। आपकी टीम के एनी लोग भी हैं जो किसी भी काम के लिए बराबर के जिम्मेदार हैं। इस लिए काम को बराबर से विभाजित कीजिये जिससे सभी को अपनी जिम्मेदारी का एहसास हो और तनाव से दूर रहेंगे।

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