चिंता, तनाव या स्ट्रेस कुछ भी कह लीजिये, हर किसी के स्वास्थ्य को तोड़कर रख देती है। ये अक्सर तब होता है जब हम अपनी आंतरिक और बाहरी समस्याओं को संतुलित नहीं कर पाते। ये सीधे दिमाग पर असर डालता है। जिससे मन हमेशा तनाव से भरा हुआ और अस्थिर होता है। बात महिलाओं की हो तो उन्हें भी पुरुषों के मुताबिक चिंता हो सकती है। चिंता से महिलाओं पर बहुत नकारात्मक असर पड़ता है।  महिलाओं में होने वाली एक हार्मोनल समस्या से तनाव या चिंता से, अकसर किसी भी काम को एकाग्रता के साथ नहीं कर पातीं। देखा जाए तो हर रोज की समान्य दिनचर्या में थोडा तनाव और थोड़ी परेशानी होना आम बात है लेकिन जब ये चिंता जीवन का हिस्सा ही बन जाए तो ये जानलेवा हो सकता है। आज इस लेख के जरिये हम आपको बताएंगे कि आप इसके लक्षण को कैसे पहचानें।

1. महिलाओं में चिंता के लक्षण– महिलाओं में चिंता के लक्षण आमतौर पर पुरुषों की तरह ही होते हैं। लेकिन महिलाएं हर उस चीज के बारे में कभी-कभी गलत विचार कर सकती हैं, जो शिहो सकती है। ऐसा होना जायज है कि वो अपनी चिंता का कारण या लक्षण नहीं पहचान पाती।

• नींद ना आना।

महिलाओं में चिंता, तनाव या स्ट्रेस

• कई सारे विचार दिमाग में चलते रहना।

• ज्यादा थकान होना।

• जल्दी-जल्दी तनाव या चिंता करना।

• मन में किसी न किसी विचार को लेक्ज्र डर रहना।

• जरूरत से ज्यादा या बहुत कम खाना खाना।

• पसीना आना।

• शरीर में सिरहन होना।

• दिल में घबराहट बनी रहना।

• सांस लेने में तकलीफ होना।

• जी मिचलाना।

• भूख ना लगना और छाती में दर्द होना।

• शरीर सुन्न होना आयर ठंड लगना।

2. महिलाओं में चिंता का कारण– महिलाओं के सिर और कंधों पर कई जिम्मेदारियां होती हैं। जिसकी चिंता में कई तरह के विचार उनके मन में पनपने लगते हैं। यो उनके व्यवहार पर भी असर डालते हैं। जब कोई महिला गर्भवती होती है तो, तो उसे कई तरह का तनाव होता है। जिसमें महिला के अंदर गर्भवती होने से लेकर गर्भपात और प्रसव तक की चिंता में डूबी रहती है। वहीं पुरुष हमेशा अपनी भावनाओं को दबा देते हैं लेकिन महिलाएं अपनी भावनाएं दबा नहीं पातीं। महिलाओं को अपने करियर, परिवार, हेल्थ के बारे में चिंता रहती है। ये चिंता तब तक बढती है जब तक वो उससे उबरती नहीं। साथ ही महिलाओं को सबसे ज्यादा अकेलेपन की चिंता होती है क्योंकि वो भविष्य को लेकर दूर की सोचती हैं।

3. क्या कहते हैं शोध– महिलाओं की चिंता को लेकर शोधों की मानें तो दुनिया की हर महिला के दिमाग में कोई न कोई ऐसी बात चलती रहती है, जिसे लेकर वो चिंता में रहती हैं। वो अपने आप को दबाव में तब और भी ज्यादा महसूस करती हैं जब वो किसी हिंसा का शिकार होती है। शोध के मुताबिक महिलाएं अपने अधिकारों और सुरक्षा को लेकर भी तनाव महसूस करती हैं। महिलाओं में एस्ट्रोजन सहित हार्मोन और दिमाग के आधे से ज्याद हिस्से को ट्रिगर करते हैं। 

4. लाइफस्टाइल में बदलाव जरूरी– चिंता से ग्रस्त महिलाओं को अच्छे खान-पान से लेकर एक अच्छे लाइफस्टाइल को फॉलो करना चाहिए। जिससे चिंता तो कम होगी ही और चिंता की वजह से होने वाली बिमारी भी दूर हो जाएगी। आप हमारी बताई हुई इन टिप्स को भी फॉलो कर सकते हैं।

• चिंता में तो दोस्तों के साथ समय बिताएं, उन्हें दिल की बातें बताएं।

• रोज व्यायाम करें, और दिमाग को शांत रखने की कोशिश करें।

• सुबह उठकर टहलने जाइये।

• दिमाग शांत करने के लिए ध्यान या मेडिटेशन कीजिये।

• किसी की मौत के खबर से चिंता बढ़ सकती है, आप ऐसे मामलों से दूरी बनाएं।

• धीमी आवाज में सॉफ्ट गाने सुनिए और अच्छी किताबे पढ़ें।

महिलाओं में चिंता और तनाव होना एक समय के बाद गम्भीर रूप ले सकता है। आप चिंता से जुड़े लक्षणों को समय पर पहचानिए और उससे निजात पाने के तरीके भी अपनाइए। अगर आपको फिर भी लगे कि चिंता ,तनाव आपके दिमाग अपर हावी हो रही है तो तुरतं अच्छे डॉक्टर से परामर्श लें।

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