25th January 2021
अब वो समय जा चुका है, जब लोग अपने ग्रैंडपेरेंट्स से डरते थे। डरेंगे भी क्यों? आजकल के दादा-दादी या नानी अपने बच्चों के दोस्त से कम नहीं हैं। जो आजकल हर घर में होंगे।
हम ऐसे देश में रहते हैं जहां तरह-तरह की भाषा और व्यंजन के अलावा कई ऐसे चरित्र भी है को हर घर पर देखने को मिल जाएंगे। जिसमें कहीं दादा-दादी होंगे तो कहीं नाना-नानी। समय अब मॉडर्न हो चला है। ये समय ऐसा है जिसमें आजकल के हमारा ग्रैंडपेरेंट्स भी खुद को बखूबी ढाल रहे हैं और बच्चों के साथ मस्ती करते हैं। कभी सख्त तो कभी नर्म मिजाज वाले ये ग्रैंडपैरेंट्स सच में कभी कभी फिल्मों वाले ग्रैंडपरेट्स से मेल खाते हैं। तो चलिए आज के इस खास लेख में आपको ऐसे ग्रैंडपेरेंट्स के बारे बताएंगे जिनका मिजाज आपके किसी ना किसी फिल्म से और घर में किसी ना किसी ग्रैंडपैरेंट्स से तो मिलता ही होगा। तो देखें फिर इंतजार किस बात का शुरू करते हैं।
1.
मजेदार दादा-दादी- मौज-मस्ती हंसी-मजाक मिजाजी दादा-दादी या नाना-नानी काफी मजेदार होते हैं। पोते-पोतियों के साथ इनका व्यवहार भी काफी हंसी मजाक वाला होता है। वो बच्चों के साथ खुद को ढाल लेते हैं। परिवार में भी ऐसे ख़ुशी का माहौल बना रहता है। हालांकि इस मिजाज वाले ग्रैंडपेरेंट्स सिर्फ उम्र से बूढ़े होते हैं। लेकिन अपने नेचर से नहीं।
2. बातूनी दादा-दादी- बहुत से ग्रैंडपेरेंट्स ऐसे होते होते हैं, जिन्हें बात करने में आफी रूचि होती है। वो अपने घर के बच्चों से लगातार बात करते हैं और उनसे हर चीज़ साझा करते हैं। हालांकि जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं, वैसे-वैसे वो अपने पेरेंट्स से ज्यादा अपने ग्रैंडपेरेंट्स के करीब होते जाते हैं। उन्हें भी उनसे बात करना अच्छा लगने लगता है। वो अपनी साड़ी बारे उनसे साझा करने लगते हैं। ऐसे ग्रैंडपेरेंट्स तो कम होते हैं, लेकिन जिस घर में होते हैं वहां कभी तनाव नहीं रहता।
3.
फ्रेंडली ग्रैंडपेरेंट्स- पहले का समय कुछ और था जब घर के बच्चों के साथ घर के बड़े तक दादा-दादी से डरते थे। उनके तेज तर्रार स्वभाव के आगे की की बोलती नहीं निकलती थी। लेकिन अब समय के बदलाव के साथ-साथ अब ग्रैंडपेरेंट्स के मिजाज में भी बदलाव हुआ है। वो अब फ्रेंडली हो गये हैं। वो ऐसा समझते हैं कि जैसे उनके समय में उन्हें मेंटली सपोर्ट नहीं मिला उसी तरह उनके पोते पोतियों को उस स्थिति से ना गुजरना पड़े। बच्चों के साथ उनकी हर एक्टिविटी में हिस्सा लेते हैं और जताते हैं कि वो भी आपके अच्छे दोस्त हैं।
4.
शांत मिजाजी- कई तह के दादा-दादी ऐसे होते हैं, जो बच्चों की देखभाल के साथ उनकी जरूरतों का ख्याल बड़ी ही शांत मिजाजी के साथ रखते हैं। इअसे ग्रैंडपेरेंट्स ज्यादातर घरों में होते हैं। वो बच्चों के साथ बहुत ज्यादा समय बिताना पसंद नहीं करते। लेकिन वो उनसे दूर भी नहीं रह सकते। वो घर में बिना किसी बात पर भदकते भी नहीं है। उन्हें शांति रखना पसंद होता है।
5.
मदद करने में आगे- कई घर की कहानी लगभग एक ही होती है कि उनके घर में दादा-दादी अपने बच्चों की कुछ ना कुछ मदद करते रहते हैं। नल के वॉशर को बदलने से लेकर वो हर एक चीज पर ध्यान देते हैं, जिससे वो कुछ मदद कर सकें। वो बच्चों के पीछे-पीछे रहते हैं, ओर लगातार घर को बिगड़ने से बचाने की कोशिश करते रहते हैं।
6. घूमने के शौकीन- आजकल दादा और दादी जी कुछ ऐसे मिजाज के हो चले हैं, जिनका स्वभाव घर के युवाओं से भी ज्यादा अच्छा रहता है। ये घुमक्कड़ ग्रैंडपरेट्स का मन यूं तो घर पर लगता नहीं है और वो कोई न कोई बहाना घर से बाहर घमने का निकला ही लेते हैं। कभी बोटिंग तो कभी फिश कैचिंग, कभी वाकिंग तो कभी झील के किनारे बैठने का तरीका इनको खूब अच्छे से पता है। वैसे देखा जाए तो इस तरह के दादा-दादी के साथ बच्चों का भी खूब मन लगता है। क्योंकि उन्हें घोम्मने को जो मिलता है।
तो कुछ इस तरह से आज कल के ग्रैंडपेरेंट्स हैं जिनके साथ घर के बच्चे भी खूब मौज मस्ती करते है। ये इनमे से कई ग्रैंडपेरेंट्स ऐसे होंगे जो आपको किसी न किसी फिल्म का किरदार तो लगेंगे ही साथ में आपके घर में भी होंगे।
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