हर इंसान किसी न किसी लत का शिकार है परंतु नशे की लत एक ऐसी लत है जो इंसान को हर तरह से बर्बाद कर देती है। ऐसे में लतों से मुक्ति पाने से पहले यह जानना जरूरी है कि लत होती क्या है? किस हद तक की आदत को लत कहा जाता है?

बीड़ी, सिगरेट, शराब, गुटका, खैनी, ड्रग्स आदि जब शुरू होती है तो एक शौक होती है परन्तु धीरे-धीरे वो एक लत में बदल जाती है। लत वो स्थिति होती है जब किसी चीज की आदत हो जाने पर इंसान को उसकी तलब लगती है और उसके न मिलने पर उसे बेचैनी होती है और ये तब तक होती है जब तक कि वो उसको मिल नहीं जाती है। ये बैचैनी बहुत असामान्य होती है और उस चीज को लाने के बाद मिलने वाली राहत भी बहुत असामान्य होती है। ये लत इंसान को भीतर तक खोखला कर देती है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल 30 से 40 लाख लोग नशीले पदार्थों के काल के गाल में समा जाते हैं। इससे दस गुना लोगों का पारिवारिक जीवन उजड़ जाने से वो मौत से भी बुरी जिंदगी जीते हैं। बहुत-सी गर्भवती महिलाओं के गर्भस्थ शिशुओं का विकास बाधित हो जाता है। बच्चों में विकलांगता-विमंदता का यह भी सबसे बड़ा कारण है। दुनिया की बहुसंख्यक बिमारियों की जननी मद्यपान को माना जाता है।

लत के लक्षण

लत के लक्षण अलग ही दिखाई देते हैं।

1. बेचैनी, जी घबराना, मूड का तेजी से बिगड़ना।

2. बहुत जल्दी और बहुत अधिक मात्रा में गुस्सा आना।

3. मानसिक तनाव, जल्दी ही शरीर का थकना।

4. जल्दी-जल्दी बातों का भूल जाना यानी स्मृति का ह्रास होना।

5. फैसला लेने में परेशानी होना, मानसिक मतभेद होना।

6. सिर में तेज दर्द रहना, नींद का न आना, शरीर में अकड़ाहट होना।

7. भूख कम लगना, दिल में घबराहट का होना।

8. बेचैनी होना, पसीना आना। 

डॉ. प्रियंका सोढानी का कहना है कि ‘ये सभी लक्षण किसी भी लत के शिकार व्यक्ति में पाए जा सकते हैं परन्तु ये किसी अन्य बीमारी के लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए इन लक्षणों पर किसी डॉक्टर से मिलकर तय जरूर करें कि क्या परेशानी है।’

लत लगने की वजह

अगर परिवार में पिता, माता या परिवार का कोई भी सदस्य किसी आदत या व्यसन का शिकार होता है तो उस व्यक्ति को देखकर परिवार के अन्य लोग भी उस आदत को लत के रूप में आसानी से पकड़ सकते हैं।

  • अगर माता-पिता लत के शिकार हैं तो बच्चों में भी आनुवांशिक तौर पर वो आदत आ सकती है।
  • घर में कलह का माहौल भी कई बार इंसान को लतों का आदि बना देता है।
  • अनैतिक रिश्तों में फंसकर भी इंसान कई बार लतों से घिर जाता है।
  • कई बार खुशी व गम के मौकों पर ली गई नशे की चीजें अल्पकालिक होती हैं जो कि बाद में लत का रूप ले लेती है।

शराब के नुकसान

  • नर्वस सिस्टम ब्रेक डाउन।
  • लिवर का खराब हो जाना।
  • रक्त धमनियों का सिकुड़ जाना जिससे दिल की बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • पाचन प्रक्रिया का खराब हो जाना।
  • शारीरिक व मानसिक रूप से क्षीणता होना।

तम्बाकू के दुष्परिणाम

  • सिगरेट में पाए जाने वाला निकोटिन कैमिकल्स के साथ मिलकर फेफड़ों को क्षति पहुंचाता है।
  • तम्बाकू में पाए जाने वाला कार्सिनीजिन से कैंसर की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।
  • तम्बाकू से दिल की बिमारियां बढ़ती हैं।
  • पैसिव स्मोकिंग से आस-पास के लोगों को भी नुकसान होता है।

ड्रग्स का असर

  • सीरिंज के जरिये ली जाने वाली ड्रग्स से अनेक घातक बिमारियों जैसे एड्स, एच. आई. वी. के खतरे बढ़ जाते हैं।
  • सूंघने वाली ड्रग्स जैसे भांग, गांजा, चरस दिमाग को सुन्न करने वाली चीजें हैं। ये दिमाग पर बुरा असर डालती हैं।
  • ये दिमागी संतुलन खत्म कर देता है।

कैसे छोड़ें लत?

अगर आप किसी भी लत के शिकार हैं तो स्वयं उसे छोड़ने का संकल्प करें। क्योंकि जब तक आप खुद नहीं तय करेंगे तब तक कोई आपको आपकी लतों से बाहर नहीं निकाल सकता है। इसलिए खुद से कहें कि मुझे इस व्यसन से बाहर निकलना ही है। शुरू-शुरू में ऐसा वक्त आएगा जबकि आप अपने निर्णय से डगमगाने लगेंगे परन्तु आपका आत्मबल ही आपको आपके निर्णय पर अडिग रखेगा। अपने लत छोड़ने के निर्णय को बार-बार दोहराते रहें ताकि आपको ये याद रहे कि आप में व्यसन या  जो लत है वह गलत है और आप उसे छोड़ना चाहते हैं।

दायरा तय करें

  • कोई भी लत छोड़ने से पहले उसकी मात्रा को थोड़ा कम करें यानी शराब के गिलासों की गिनती थोड़ी कम करें और सिगरेट को तोड़कर थोड़ा छोटा कर लें।
  • लाइटर, माचिस, गुटका, तम्बाकू , चूना, कत्था कभी भी जेब में न रखें क्योंकि जब ये जेब में होंगे ही नहीं तो खाने की इच्छा कम होगी, होगी भी तो वो पूरा होने में भी वक्त लगेगा।
  • नशे की चीजों का कभी भी स्टॉक करके न रखें जितनी कम मात्रा रखेंगे उतना ही अच्छा होगा लत कम करने के लिए ।
  • परिवार के सदस्यों व खास मित्रों से कहें कि वो आपको आपकी नशे की आदत को छुड़ाने में मदद करें और आपको याद कराते रहें कि आप इस आदत को छोड़ना चाहते हैं।
  • स्वयं को अत्यधिक काम में व्यस्त रखें। कभी भी खुद को अकेला न छोड़ें जितना आप लोगों से घिरे रहेंगे नशे से उतना ही दूर रह पाएंगे।

उपाय 

उपाय अपनाएं परन्तु एक सीमा में ही

  • जो सिगरेट पीते हों या पान मसाला खाते हों वो लोग अपने मुंह में इलायची, सौंफ, टॉफी आदि रखें।
  • जो लोग चैन स्मोकर हैं वो इस आदत को छोड़ने के लिए ई-सिगरेट या हर्बल सिगरेट का प्रयोग कर सकते हैं। हालांकि ङ्ख.॥.ह्र. ने ई सिगरेट को गलत बताया है इसमें निकोटिन होता है परन्तु कम मात्रा में। मेडिकल स्टोर, पान की दुकानों, इंटरनेट पर ये आसानी से 1500 रुपये में 500 सिगरेट के पैकेट की रूप में मिल जाती है। भारत में प्रमुख ई. सिगरेट के ब्रांड हैं आई टी सी इओन वेप, स्नैपटिक ई-हेल्थ सिगरेट, लाइटजॉय, स्मोकफ्री आदि।
  • हर्बल सिगरेट प्राय: आयुर्वेद की दुकानों पर आसानी से मिल जाती हैं। ये कई तरह की जड़ी-बूटियों की बनी होती है। यद्यपि ये धुआं तो करती है परन्तु ज्यादा नुकसान नहीं करती है। इसकी कीमत 10-20 रुपये के बीच होती है।
  • पॉजिटिव सोच रखना सबसे ज्यादा जरूरी होता है किसी भी लत को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए। अच्छा सोचें, अच्छी पुस्तकें पढ़ें, अच्छी फिल्में देखें व गानें सुनें। मन में विश्वास जगाएं कि मैं इस लत को छुड़ाकर ही मानूंगा।

होम्योपैथी

होम्योपैथी में नशे की लत को कम करने के लिए निम्र दवाएं दी जाती हैं-

  • शराब की लत को कम करने के लिए- क्वेरकस स्प्रिटस ग्लैंडियम।
  • तम्बाकू, सिगरेट की लत को कम करने के लिए- कैलेडियम, डाफ्ने इंडिका।
  • हैंगओवर कम करने के लिए- 
  • नक्स वोमिका।
  • ड्रग्स की लत कम करने के लिए- ओपियम 30, बैनापिस 30, कैंनाबिस इंडिका 30 व नक्स बोमिका, सल्फर 30। 

नोट- ये दवाएं व उनकी मात्रा बिना किसी डॉक्टरी सलाह के कभी भी न लें। एक बार अपनी स्थितिनुसार डॉक्टर को दिखा लें तभी लें।  

आयुर्वेद

  • दिन में चार पांच बार नींबू पानी पिएं।
  • दिन में दो बार चुटकी भर सौंफ गर्म पानी से लें। 
  • अदरक, काली मिर्च, शहद, नींबू मिलाकर चाटें।
  • किशमिश को पानी में भिगोकर खाएं।
  • ब्राह्मी , शंखपुष्पी पिएं।
  •  एलोवेरा लिवर को मजबूती देता है अत: एलोवेरा पिएंं।

मुद्रा ध्यान और रोग

लत को कम करने के लिए आप इन बातों का सहारा भी ले सकते हैं।

ज्ञान मुद्रा- ज्ञान मुद्रा आत्मविश्वास बढ़ाता है, व मन को शुद्ध करता है। ज्ञान मुद्रा करने के लिए अपने राइट हैंड के अंगूठे को तर्जनी के टिप पर लगाएं और लेफ्ट हैंड को अपनी छाती के ऊपर रखें, सांस सामान्य ही रखें, सुखासन या पद्ïमासन में भी ये क्रिया कर सकते हैं। इस क्रिया को लगभग 15 मिनट तक करें।

ध्यान- ध्यान से तन-मन दोनों को मजबूती मिलती है 30 मिनट ध्यान कर लेने से पूरा शरीर स्वस्थ रहता है।

योग क्रियाएं- कुछ योग क्रियाएं जैसे कुंजल क्रिया, शंख प्रक्षालन लाभकारी हैं। पर ये सभी योग किसी योगाचार्य से सलाह लेकर ही करें। तभी ये लाभकारी होंगे।

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