जयपुर…किलों का शहर,इतिहास का शहर और ट्रेवल लवर्स का शहर भी। पर इसी शहर में अगर सिर्फ 24 घंटे मिलें तो कम लगेंगे न। लगेगा कि काश कुछ और समय मिल जाता। पर जब समय नहीं है तो भी इस शहर को घूमा जा सकता है। जी भर के घूमने के लिए एक दिन काफी तो नहीं है लेकिन कम भी नहीं है। आप चाहें तो सिर्फ 24 घंटों में भी जयपुर को महसूस कर सकती हैं। इसके लिए कुछ चुनिंदा जगहों को चुनना होगा और इन्हीं को ओर चलना भी होगा। कौन-कौन सी हैं ये जगहें,जो आपको बेस्ट ट्रिप का फील भी देंगी और आनंद भी,जानते हैं,पर हां,नॉर्मल समय वापस आने के बाद ही कहीं भी ट्रिप के लिए निकलें,फिलहाल जगहों की लिस्ट तैयार कर लें-

हरियाली और नाश्ता-

 

सुबह सबसे पहले समय नाश्ते का है ताकि पूरा दिन पूरी ऊर्जा के साथ शहर को देखा जा सके। पेट भरा होगा तो घूमें का भी मजा आएगा। इसलिए ट्रिप की शुरुआत में ही आप राजस्थानी नाश्ता कर लें। इसमें भी फलों वाली लस्सी पीना बिलकुल न भूलें। इसके बाद आप पृथ्वीराज रोड पर सेंट्रल पार्क ऑफ जयपुर की ओर चल दीजिए। यहां रहने वालों के लिए ये एक सुंदर जगह है। यहां पर आपको खूब सारी हरियाली मिलेगी। इसी के साथ आपको रामबाग गोल्फ क्लब भी मिलेगा,जिसके पेड़-पौधे आपका दिल जीत लेंगे। लेकिन यात्रा के इस हिस्से के लिए आपको सुबह 7 से 9 बजे के बीच निकलना पड़ेगा।

अगर किले पसंद हैं तो-

अगर आपको शहर के किले देखने हैं तो आप ट्रिप की शुरुआत पार्क की बजाए नाहरगढ़ के किले से भी कर सकते हैं। यहां आकर आप हॉट एयर बलून की राइड भी ले सकती हैं। इस राइड में आपको जयपुर की असल ट्रिप करने का मौका मिलेगा। आसमान से शहर को देखने का ये अनुभव आप भूल नहीं पाएंगी। अगर बच्चे साथ होंगे तो उन्हें तो ये राइड जरूर ही अच्छी लगेगी।  

पैदल चलकर दूसरा किला-

जी हां,पैदल चलकर,कुछ मिनटों में आपको एक और जाना-पहचाना किला मिल जाएगा। क्योंकि जयपुर किलों का शहर है इसलिए नाहरगढ़ किले को देखने के बाद पैदल चलकर आप जयगढ़ किले की ओर चल दीजिए। इसमें दुनिया की सबसे बड़ी पहियों वाली तोप रखी गई है। यहां पर आपको कई सारे वॉच टॉवर भी मिलेंगे। यहां आकर आपको अच्छा अनुभव होगा क्योंकि इतिहास आपके आसपास ही घूम रहा होगा। आप खुद इतिहास में जाने जैसा भी महसूस कर सकती हैं।

बिरला टैम्पल और 30 मिनट-

 

अब बारी शहर को करीब से देखने की है। अब आप करीब 30 मिनट की रिक्शा राइड लीजिए और चल दीजिए बिरला टैम्पल और अल्बर्ट हॉल म्यूजियम। ये दोनों ही सिर्फ 2 किलोमीटर की दूरी पर हैं और जयपुर के इतिहास को बहुत अच्छे से दिखा देते हैं। बिरला मंदिर में जहां आध्यात्म से रूबरू होने का मौका मिलेगा वहीं अल्बर्ट हॉल में राजस्थान की विरासत आपका इंतजार कर रही होगी।

बाजार का मजा-

 

जयपुर आएं और यहां की खास चीजों की शॉपिंग न करें तो ये गलत ही होगा। राजस्थान की एक खास कला है जो वहां की हर चीज जैसे कपड़ों,सजावट का सामान,बैग आदि सभी पर दिखती है। इस शॉपिंग के लिए आपको कई सारी बाज़ारों के विकल्प मिल जाएंगे। ट्रिपोलिया बाजार,बापू बाजार,एमआई रोड और जौहरी बाजार जैसी कई बाजार जयपुर में आपको मिल जाएंगी। इन सभी जगहों पर आपको राजस्थानी हैंडीक्राफ्ट मिलेंगे वो भी खूब सारे।

सिटी पैलेस की सैर-

 

बहुत सारी बस आपको आसानी से सिटी पैलेस पहुंचा देंगी। ये वो जगह है जहां आज भी भारत के सबसे अमीर रॉयल परिवार रहते हैं। इस एक किले में बहुत कुछ है,म्यूजियम,पीकॉक गेट और मून पैलेस। आप खुद भी रॉयल जैसा महसूस करेंगे।

 हवा महल का रंग-

हवा महल जयपुर की वो इमारत है जो इस शहर की पहचान जैसी है। 18 वीं शताब्दी में बना ये किला अपनी ढेरों खिड़कियों के लिए जाना जाता है। क्योंकि यहां हवा खूब महसूस होती रहती है इसलिए इस जगह का नाम हवा महल है। इस महल के टॉप से पूरा शहर नजर आता है।

जंतर-मंतर भी देखिए-

हवा महल से कुछ दूरी पर बना जंतर-मंतर समय का पैमाना है। 18 वीं शताब्दी में बना ये स्ट्रक्चर समय से जुड़ी कई भविष्यवाणियां कर सकता है। बहुत बड़ा सनडायल सम्राट यंत्र जरूर देखा जाना चाहिए।

शाम को जाएं वर्ल्ड ट्रेड सेंटर-

 

जयपुर आएं तो यहां का वर्ल्ड ट्रेड सेंटर या गौरव टावर जरूर देखें। ये दोनों ही जगहें जयपुर एयरपोर्ट से सिर्फ कुछ मिनटों की दूरी पर हैं। यहां आपको अच्छे रेस्टोरेन्ट भी मिल जाएंगे।

कैसे जाएं-

जयपुर आना बिलकुल भी कठिन नहीं है। कई बड़े शहरों से ट्रेन,बस और हवाई जहाज के माध्यम से यहां आया जा सकता है। खासतौर पर दिल्ली से सड़क के रास्ते आना बहुत आसान है। यहां आने के लिए दिल्ली से बहुत सारी बसें चलती रहती हैं।

 

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