क्या आप जानते हैं दिल्ली के हॉन्टेड प्लेसेस
आज जब हम विज्ञान के युग में कदम रख चुके हैं भूत और आत्माओं की बातें करना कल्पना मात्र ही लगता है। लेकिन कभी राह चलते आपका सामना ऐसी किसी परालौकिक शक्ति से हो जाए तो आप क्या करेंगे ?
गुमनाम है कोई बदनाम है कोई, किसको ख़बर कौन है वो अंजान है कोई…..फिल्म का यह गाना सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हम कितने भी आधुनिक क्यों न हो जाएं लेकिन जब भी कोई भूतों की बातें करता है तो मन विचलित हो उठता है , आत्माओं और भूतों का नाम सुनते ही रुह कांप जाती है। दिल कहता है ऐसी शक्तियां मौजूद हैं और दिमाग उनके अस्तित्व को लगातार नकारता रहता है। लेकिन आज भी कुछ ऐसी जगहें हैं जहां ऐसी शक्तियों को महसूस किया जा सकता है। आइए आपको बताते हैं दिल्ली की उन जगहों के बारे में जिनके बारे में माना जाता है कि यहां पर आज भी भूतों, आत्माओं या कोई अदृश्य शक्तियों का निवास है। आज भी इन जगहों पर रात के अंधेरे में कदम रखने की हिम्मत लोग नहीं जुटा पाते हैं।
दिल्ली कंटोनमेंटदिल्ली कंटोनमेंट जिसे कि सामान्यतया दिल्ली कैंट भी कहा जाता है इसकी स्थापना ब्रिटिश - इंडियन आर्मी ने की थी। इसे दिल्ली के सबसे प्रेतवाधित स्थानों में से एक माना जाता है, यह पूरा इलाका एक छोटे से जंगल की तरह दिखाई देता है। कहा जाता है कि दिल्ली कैंट में सफेद कपड़े पहने एक महिला कार से जा रहे लोगों से लिफ्ट मांगती है। अगर आप आगे निकल जाते हैं तो यह महिला कार के जितना तेज भाग कर पीछा करती है। दिल्ली कंटोनमेंट को उस महिला का घर माना जाता है, जिसकी मृत्यु इसी इलाके में एक रोड एक्सीडेंट में हुई थी। बहुत से लोगो ने उसको यहां देखे जाने की पुष्टि भी की है।
फिरोज शाह कोटला किलायह किला 1354 में फिरोज शाह तुगलक द्वारा बनवाया गया यह किला आज खंडहर का रूप ले चुका है। आसपास की लोगों की मानें तो हर गुरुवार यहां मोमबत्तियां और अगरबत्ती जलती दिखती है। और तो और, अगले दिन किले के कुछ हिस्सों में कटोरे में दूध और कच्चा अनाज भी रखा मिलता है। ऐसा अक्सर होता रहा है, जिसके चलते किले की पहचान अब भूतों के किले के रूप में होने लगी है।
खूनी नदी, रोहिणीरोहिणी के कम शोरगुल वाले इस इलाके में वैसे कम लोग ही आते हैं। नदी के आसपास कोई नहीं जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी इस नदी में जाता है ये नदी उसे अपनी रहस्यमयी शक्तियों से लील लेती है। कई लोगों ने इसमें जाने के बाद अपनी जान गंवा दी है। जो बाद में आत्महत्या जैसा लगता है। इसका कारण आज तक लोगों को पता नहीं चल सका है। हत्या, आत्महत्या, दुर्घटना कारण चाहे जो भी हो, यहां नदी किनारे लाशें मिलना एक आम बात हो गई है। यही कारण है कि लोग इसे दिल्ली की सबसे ज्यादा डरावनी जगहों में शुमार करते हैं।
मालचा महल
मलचा महल मलचा गांव में स्थित है। ये दिल्ली अर्थ स्टेशन के पास बिस्तारी रोड, सरदार पटेल मार्ग, नई दिल्ली-21 में पड़ता है। यह महल जंगलों से घिरा हुआ जिसे दिल्ली की चोटी कहते हैं। असल में यह तुगलक काल में शिकार करने की जंगल थी और अब इसके रहस्यमयी होने की वजह के बारे में बहुत कम जानकारी है। लेकिन घने जंगलों से काफी करीब होने के कारण आप यहां जितना डरावना महसूस करेंगे उतना शायद और कहीं नहीं। हालांकि इस स्थान पर कोई भी असाधारण दृश्य नहीं हुआ है, लेकिन जो लोग इस स्थान पर जाते हैं, उन्हें अक्सर जगह के आसपास ऊर्जा के एक अदृश्य ढाल की शिकायत होती है।
भूली भतियारी का महल, झंडेवालान
यह महल किसी ज़माने में तुगलक वंश का शिकारगाह हुआ करता था। इस महल का नाम "भूली भतियारी", इसकी देखभाल करने वाली महिला के नाम पर पड़ा है। अंधेरा होने के बाद यहां परिंदा भी पर नहीं मारता। अक्सर सुनाई देने वाली अजीबोगरीब आवाजें यहां माहौल को और डरावना बना देते हैं।
संजय वन, वसंत कुंज
संजय वन शहर के बीच में एक घना जंगल है। इस 10 किमी लंबे जंगल के करीब रहने वालों को यह जगह कई भूतों के रहने की शिकायत करते हैं। जो लोग इस जगह का दौरा करते हैं, किसी के रोने और बच्चों के चिल्लाने की अटकलें सुनने की शिकायत करते हैं। कई अन्य लोगों का कहना है कि उन्होंने पुराने बरगद और पीपल के पेड़ों के चारों तरफ सफेद कपड़े पहने एक महिला को देखा है।
कड़कड़डूमा दिल्ली कोर्ट
कड़कड़डूमा दिल्ली कोर्ट के वकीलों ने अदालत परिसर में असाधारण गतिविधियों की सूचना दी है। एक सफेद, छायादार आकृति को यहां कुछ लोगों द्वारा देखा गया है, जिसने इस जगह को दिल्ली में एक प्रेतवाधित स्थान का टैग लगा दिया है।
करबला कब्रिस्तान
फिल्मी कब्रिस्तान की तरह यहां भी साये दिखने और उनकी हरकतों के गवाह है आसपास के लोग। करबला का कब्रिस्तान बीके दत्त कॉलोनी में स्थित है, जहां ताजिए दफनाए जाते हैं। अगर आप इस जगह पर शाम के वक्त जाते हैं तो यहां पसरी खामोशी और वातावरण आपके रोंगटे खड़े करने के लिए काफी है।
द्वारका सेक्टर 9 मेट्रो स्टेशन
द्वारका के अन्यथा शांतिपूर्ण माहौल में कुछ अस्थिर अनुभव हैं जो अपनी सुनने में थोड़े डरावने लगते हैं । मेट्रो स्टेशन के प्रवेश द्वार के बाहर, लोगों को अचानक उन सभी पर बेवजह ऊर्जा का एक दलदल सा उमड़ता हुआ महसूस होता है । यात्रियों के सामने एक महिला की असाधारण दृष्टि कहीं से भी दिखाई देती है, और फिर काफी तेजी से गायब हो जाती है । यह एक तथ्य है कि इन अनुभवों में से अधिकांश रात के दौरान हुए थे क्योंकि मान्यता के अनुसार आत्माओं का प्रभाव रात के दौरान ज्यादा होता है।
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