आजकल आप थके-थके रहते हैं। रोमांस करने की आपकी इच्छा खत्म सी हो चली है। आप काम की अधिकता, थकान, नींद की कमी को इसके लिए दोशी मान रहे है, पर क्या आपको पता है आपके इस व्यवहार का राज आपकी खाने की प्लेट में छिपा है।
हॉर्मोन्स टेस्टोस्टेरॉन और ऑस्ट्रोजन पुरूश और स्त्री के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुछ खाद्य पदार्थ आपके हार्मोनल लेवल पर काफी प्रभाव डालते हैं।
कोला- दिन हो या रात का भोजन, के साथ क्या कोल्ड ड्रिंक आपके लिए जरूरी है। क्या उसके बिना आपका काम नहीं चलता ? षीतल पेय में प्रयुक्त आर्टीफिषियल स्वीटनर जैसे एसपार्टेम सीधे आपके सेरोटोनिन लेवल को प्रभावित करते हैं, जो कि आप में खुषी फूंकने वाला हॉर्मोन है। सेरोटोनिन के कम होने से व्यक्ति की सैक्स ड्राइव कम हो जाती है।
एल्कोहोल- अधिक मद्यपान लीवर को खराब करता हे आप जानते होगें। लीवर आपके हॉर्मोन्स को व चयापचय को प्रभावित करता है। यह एण्ड्रोजन हॉर्मोन को ऑस्ट्रोजन में बदल के व्यक्ति की यौन क्षमता कम कर देता है। जब आप कॉॅकटेल का मज़ा ले रहे होते है तो षरीर के अन्य घटक दूसरी ही तरह से रिएक्ट करते हैं। बीयर में फाईटोएस्ट्रोजन होते हैं, जो सीधे-सीधे उत्पादक क्षमता को प्रभावित करते है। इसलिए अगली बार बहकने से पहले सोचिएगा जरूर।
प्रोसेस्ड फूड- कुकीज़, बिस्कुट, केक, पिज्ज़ा, पेस्ट्री सभी बहुत स्वादिश्ट हाते है, पर इनसे जैसे सारे पौश्टिक तत्व छिन जाते है वैसे ही आपकी सैक्स ड्राइव यह छीन लेते है। आटे को मैदा बनाने की प्रक्रिया में उसकी सारी खूबियाँ जिंक आदि खत्म कर दी जाती है।
जिंक षरीर की उत्पादकता के लिए जरूरी है। चीज़, पनीर जिन्हें हम पौश्टिक मानते है गाय के दूध से बना हुआ नहीं कैमिकल्स से बना हुआ होता है। इनके अधिक सेवन से स्वास्थ्य ही नहीं सैक्सुअलिटी का भी नाष हो जता है।
ट्रांसफैट- हमारी कन्फैक्षनरी इंडस्ट्री भले ही यह दावा करती हो कि उनके बनाए उत्पादों में मैदा या ट्रांसफैट नहीं है पर कई जगह वेजिटेबल ऑयल में हाइड्रोजन मिला के सामग्री बनाई जाती है। आपकी धमनियों को ब्लाक करके ये न केवल आपकी उम्र घटा रही है बल्कि कमजोर ऑर्गेज़म से आपकी सैक्स लाइफ को भी दुरूह कर रही है।
षुगर- सुबह की चाय कॉफी में डालते वक्त आप कभी चीनी के नुकसानां को नहीं सोचते होगें परन्तु रक्त में अधिक षर्करा न केवल स्वास्थ्य को नुकसान पहुचांती है बल्कि सैक्स ड्राइव भी कम कर देती है। सिम्पल षुगर आपके लीवर में पाचन के दौरान वसा के रूप में संग्रहित हो जाती है। अधिक वसा आपके सैक्स हॉर्मान बनाने वाले ग्लौब्यूलिन को प्रभवित करती है नतीजन आपका यह प्रोटोन ड्राप होने लगता है। यही प्रोटोन आपके टेस्टोस्टेरॉन व ओस्ट्रोजन लेवल को भी कंट्रोल करता है। अधिक चीनी आपके मुंह को मीठा अवष्य करती है पर रिलेषन्स खट्टे कर जाती है।
प्लास्टिक बाटॅल्स- आप स्वयं के द्वारा प्रयोग की जा रही प्लास्टिक बोतलों को फेंक दीजिए। अधिकतर प्लास्टिक बोतलों और कन्टेनरां में बिसफिनोल (बी.पी.ए.) होता है जो पुरूश और स्त्री की उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। लो स्पर्म काउन्ट पुरूश में, स्त्रियें में अण्डों का कम निर्माण इन्हीं की देन है।
चुकन्दर- चुकन्दर को लोहे का अच्छा स्त्रोत माना जाता है। इनमें कुछ ऐसे घटक होते है वो आपके ऑस्ट्रोजन लेवल बढ़ाते है पर यदि आपके टेस्टोटेरॉन लेवल कम है तो हॉर्मोनल इम्बैलेन्स हो जायेगा। अपने डाक्टर से सलाह ले के चुकंदर की मात्रा का निर्धारण कीजिए।
कैन्ड़ फूड- डिब्बाबन्द खाद्य पदार्थ बनाने में आसान होते हैं पर उनमें सोडियम की मात्रा अत्यधिक हाती है। यह हाई ब्लड प्रेषर को जन्म देते हैं। आपके प्रजनन अंगां तक कई बार रक्त संचार नहीं पहुचँ पाता फलस्वरूप उत्पादकता प्रभावित होती है।
कॉफी- कॉफी आपकी सुस्ती भगाती है आपको एलर्ट करती है पर यदि आपको कॉफी पीने के बाद एन्गजॉयटी होती है यह आपकी सैक्स ड्राइव कम कर रही है।
मसालेदार खाना- तेज मिर्च मसाला यदि आपके पसंद है तो सावधान हो जाइये। लहसुन, प्याज, मिर्च से आपके प्राइवेट पार्टस की स्मैल तक बदल जाती है। अधिक से अधिक ताजी फल सब्जियाँ खाने की कोषिष करिए।
पत्तेदार सब्जियाँ- ब्रोकोली, बन्द गोभी, फूलगोभी अन्य पत्तेदार सब्जियाँ आपकी सेहत भले ही सुधार रही हो आपकी सैक्स ड्राइव अवष्य ही कम कर रही हैं। पत्तेदार सब्जियाँ संवेगों को रोकती है। इससे इन सभी में उत्पन्न होने वाले बैक्टीरिया बड़ी आंत में जा के ही पचते हैं जिससे वीर्य, पसीना, मूत्र और ष्वास में दुगर्न्ध उत्पन्न होती है। इनके अधिक प्रयोग से सावधान रहिए।
दवाईयाँ -आपकी इवाईयाँ एण्टी डिप्रैसेन्ट, हॉर्मोनल बैलेन्स की दवाईयाँ, बर्थ कन्ट्रोल पिल्स, षरीर में सेरोटोनिन व डोपामाइन उत्पन्न करते हैं । ये काफी हद तक आपकी सैक्स ड्राइव कम करने के लिए दोशी होते है।
षतावरी (ऐसपैरेगस)- यह छोटी हरी डंडियाँ भले ही आपको सेहतमंद बनाती हो पर यह आपके मूत्र में बदबू उत्पन्न करती है और जेनाइटल्स में भी। फलस्वरूप आपके यौन क्रियाओं व इच्छा में कमी लाती है।
चॉकलेट- डार्क चॉकलेट का सेवन उत्तेजना का कारक माना जाता है पर कई चॉकलेटस उल्टा असर डालती है। नॉन एल्कॉहल कोको रिच चॉकलेटस फ्लैवनॉल्स से भरी होती है। यह ब्लड वैसल को बड़ा करती है और षरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड पैदा करती है और टेस्टोस्टेरोन लेवल पर विपरीत प्रभाव डालती है।
इन भोज्य पदार्थों का सोच समझकर प्रयोग करें और रहें हमेषा जवान।