कल इत्तेफाक से एक पुराने मित्र की दुकान पर गया, वैसे तो कोरोना नाम के इस हऊए के डर से पिछले सात-आठ महीनों से मिलना-मिलाना और आना-जाना बंद सा ही है, लेकिन कल सुबह अखबार में उसके पूरे एक पन्ने के विज्ञापन को देखकर रहा नहीं गया। पचासी परसेंट डिस्काउंट, फिर दुकान पर अपना पुराना मित्र और कुछ ना करेगा, तो ठीक-ठाक माल तो दे ही देगा, लेकिन दुकान पर जाकर ताज्जुब हुआ कि दिन के दो बज रहे थे, मौसम भी ठीक था, लेकिन पूरी दुकान में मुश्किल से 10 ग्राहक, जबकि पिछले साल की मुझे याद है और पिछले क्या पिछले और उसके पिछले साल भी, इस दुकान पर सुबह 10:00 बजे से रात 9:00 बजे तक तिल रखने की जगह नहीं रहती थी।

‘क्या बात है मधुकर भाई यह…

मैंने जान-बूझकर अपना सवाल अधूरा छोड़ दिया। ‘अरे भाई साहब, एक तो कोरोना ने वैसे ही कमर तोड़ रखी थी, सोचा था कि फेस्टिव सीजन में कुछ दाल-दलिया हो जाएगा, लेकिन देख रहे हैं कि क्या हाल है। पूरे एक लाख का विज्ञापन दिया था और आए हैं सुबह से मुश्किल से 50 ग्राहक, उसमें भी 50 परसेंट फोकटिये।’

मैं करता भी तो क्या कहता, वैसे ही कुछ फॉर्मल बोल-बाल कर चला आया। घर आकर देखा, तो बाहर अमेजॉन का कोरियर बॉय खड़ा है। मैं चौंका मैंने तो कोई आर्डर दिया ही नहीं था, फिर… तभी अंदर से श्रीमती जी निकलीं। मैंने सवालिया निगाहें उनकी तरफ उठाई तो बोलीं, ‘अरे चार सूट मंगवाए हैं। बहुत ही चीप रेट में हैं…’ कहकर वह पैकेट लेकर अंदर चली गईं।

अब मुझे मधुकर भाई की दुकान की पिक्चर फेल होने का कारण कुछ-कुछ समझ में आ रहा था। समझ में आ रहा था, कि लाकडाउन से पहले धीरे-धीरे एक-एक कदम रखती कंपनियों की चाल अब बदल चुकी है। लॉकडाउन के पीरियड में जिन एकाध सेक्टर में उछाल आया है, उनमें ई-कॉमर्स भी शामिल है। ऑनलाइन खरीदारी अब आदत में आती जा रही है। अब तो अखबारों में भी यह कंपनियां बड़े-बड़े विज्ञापन दे रही हैं और नेट पर तो इनके विज्ञापनों की पकड़ बेहद मजबूत है ही। कोरोना ने आम आदमियों की बाजार जाकर शॉपिंग करने की आदत पर जो रोक लगाई, उसका पूरा-पूरा फायदा इन ई-कॉमर्स कंपनियों को मिला है। सुरक्षा की चिंता, बाहर जाने का डर, इंफेक्शन की चिंता आदि ने ऑनलाइन शॉपिंग को आज जरूरत बना दिया है। कमाल की बात यह है कि यह ट्रेंड अब उच्च वर्ग के अलावा मध्यम वर्ग से होता हुआ निम्न मध्यम वर्ग तक फैलता जा रहा है।

सवाल यह है कि यह ऑनलाइन शॉपिंग ट्रेन्ड, क्या वास्तव में लाभकारी है या यहां भी ठगे जाने, धोखाधड़ी और बेवकूफ बनने के उतने ही चांसेस हैं, जितने आम मार्केट में हैं। इधर अक्सर अखबारों में यह खबरें भी आ रही हैं कि ऑनलाइन सामान कुछ ऑर्डर किया और आया कुछ या मोबाइल के डिब्बे में खाली कागज ही निकले।

कोई भी नया ट्रेंड जब आता है तो उसमें कुछ सहूलियतें और कुछ जोखिम भी शामिल होते हैं। आइए देखते हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग में क्या सावधानियां बरतें, कि ये हमारे लिए लाभदायक सिद्ध हो।

कुछ बातें ऐसी हैं जिन्हें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही में ध्यान रखना पड़ता है, तो दोनों ही पोजीशन में क्या सावधानियां रखनी है, इसकी बात कर लेते हैं-

  • ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, हमेशा लिस्ट बनाकर ही खरीदारी करें और यह लिस्ट हमेशा घर में बैठकर, अपने होम मिनिस्टर से डिस्कस करके ही बनाएं और हमेशा कम समय की, मसलन एक माह की जरूरत के हिसाब से बनाएं और उस पर कायम रहें।
  • कभी भी जोश में आकर खरीदारी न करें। अगर कोई महंगी चीज आपको पसंद भी आ रही है या आपकी होम मिनिस्टर का दिल उस पर आ गया है, तो भी उसे तुरंत ना खरीदें। ऑफलाइन खरीदारी कर रहे हो तो दस-पांच जगह उसके रेट और क्वालिटी कंफर्म कर लें और ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हों, तो अलग-अलग साइट्स पर जाकर उस प्रोडक्ट की कीमत की तुलना कर लें। याद रखें जल्दबाजी में बजाय फायदे के नुकसान भी हो सकता है।
  • अगर ऑनलाइन खरीदारी करते समय आपने महंगी चीज पसंद की है, तो उसे शॉपिंग कार्ट में शामिल करके छोड़ दें। ऐसे में इस बात की काफी संभावना रहती है कि कुछ देर बाद ही आपके पास डिस्काउंट का कोई और ऑफर का ई-मेल या एसएमएस आ जाए।
  • ई-कॉमर्स कंपनियां एक लिमिट से ज्यादा अमाउंट की खरीदारी पर फ्री डिलीवरी की सुविधा देती हैं, इसलिए एक या दो सामान का आर्डर देने के बजाय, हमेशा एक साथ सामान की लिस्ट बनाकर ही ऑर्डर करें, ताकि फ्री डिलीवरी की सुविधा मिल सके और आप डिलीवरी चार्ज देने से बच जाएं।
  • अधिकतर ई-कॉमर्स कंपनियां किसी बैंक के साथ कैश बैक के लिए टाइ-अप करती हैं। अगर आप खरीदारी कर रहे हैं, तो कैश बैक के ऑफर्स पर नजर रखें। एक तरह से यह फ्री बोनस है, तो इसका फायदा उठाने में ना चूकें। 
  • अगर कैश बैक का ऑफर आसानी से नजर ना आ रहा हो, तो link.in या gopaisa.com जैसी साइट्स पर जाकर उनकी सहायता ली जा सकती है।

अब कुछ खास बातें जो ऑनलाइन खरीदारी में आपको ध्यान में रखनी होंगी-

  • जरूरी यह है कि आप वेरीफाइड शॉपिंग वेबसाइट या ऐप से ही खरीदारी करें। 
  • गैजेट्स अगर खरीद रहे हों तो उसमें एक एंटीवायरस जरूर इंस्टॉल करा लें।
  • शॉपिंग में डेबिट कार्ड के स्थान पर क्रेडिट कार्ड का ही इस्तेमाल करें।
  • इंटरनेट का प्रयोग कर रहे हैं तो कस्टमर आईडी और पासवर्ड डालने के लिए वर्चुअल की-बोर्ड का इस्तेमाल करें।
  • सुरक्षित खरीदारी के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का प्रयोग करें। इसमें हैकर्स द्वारा हैक करने पर रोक लग जाती है।
  • आई-टी एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अपना अकाउंट बनाते समय multi factor authentication को एक्टिवेट करें। इससे खरीदारी करते समय हमेशा ही ओटीपी वेरीफिकेशन आएगा।
  • पासवर्ड ज़रा कठिन ही बनाएं।
  • सस्ती सेल के लालच में ना फंसे। याद रखें कोई भी अपना सामान लागत से कम मूल्य पर तो बेचने से रहा, हां सामान में नुक्स हो तो औने-पौने जरूर बेचेगा। गूगल पर जाकर एक बार उस वेबसाइट के बारे में सर्च कर लें, जो जरूरत से ज्यादा सस्ता सामान बेच रही है।
  • कस्टमर सर्विस है या नहीं इसकी जानकारी ले लें। अच्छी ई-कॉमर्स कंपनियां हमेशा ही कस्टमर सर्विस के लिए टोल फ्री नंबर या ईमेल की सुविधा देती ही हैं।
  • रिफन्ड और एक्सचेंज की जानकारी जरूर करें।
  • बैंक से आने वाले मैसेज पर जरूर नजर रखें। बस अगर थोड़ा जागरूक रहें और कुछ सावधानियां रखें तो ऑनलाइन शॉपिंग का मजा आएगा, फिर भी जब भी मौका मिले अपने आसपास के दुकानदारों से भी कुछ-न-कुछ अवश्य खरीदते रहें क्योंकि ऑफलाइन का मजा भी कम नहीं है। 

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