पीपल एक ऐसा पेड़ माना जाता है | जिसको काटने के लिये ज्योतिष और विज्ञान दोनों ही मना करते हैं | विज्ञान कहता है कि पीपल सबसे ज्यादा आक्सिजन देने वाला पेड़ है, जो की वातावरण को शुद्ध करने में अहम् भूमिका निभाता है | इसके एक नहीं अनेक लाभ हैं, इसकी लकड़ी काफी मजबूत होती है, साथ ही ये पेड़ काफी लम्बी उम्र तक जीवित रहता है जो की एक बहुत बड़ी और खास बात है | इस पेड़ को मूल्यवान बनाने के लिए साथ ही इस पेड़ का हर अंग यानि पत्ते, टहनी, तना, जड़, बीज सबका ही प्रयोग दवाए बनाने में प्राचीन काल से ही भारत और दूसरे देशो में किया जाता रहा है, और आज भी किया जा रहा है | अब जानते हैं की हिन्दू धर्म और ज्योतिष में पीपल को काटना पाप क्यों माना जाता है | माना जाता है की पीपल के पेड़ के हर अंग में भगवान विष्णु का वास माना जाता है, इस लिए माता लक्ष्मी को भी ये बहुत प्रिय है, हिन्दू दर्शन पीपल पर पितरों का वास मानकर पूजता है | शनि भगवान को खुश करने का भी सरल उपाय पीपल पर जल अर्पित करना और रात्रि में दीपक जलाना बताया गया है | इससे ना केवल शनि शांति होती है साथ ही पित्र दोष दूर होता है और भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता हैं जिससे जीवन में हर सुख तो मिलता ही है साथ ही धन की भी कभी कमी नहीं होती और मान सम्मान की भी प्राप्ति होती है | जीवन की लिये कीमती होने के बाद भी सुबह और शाम ही एस पेड़ को पूजना और इसकी पास जाने की अनुमति हिन्दू दर्शन देता है, रात्रि में  इस पेड़ के पास न जाने की सलाह दी जाती है क्योकि रात्रि में लगभग चार घंटे तक ये कार्बन डाई ओक्सिड गैस निकालता है, जो की मानव जीवन के लिये खतरा होती है, ये ही कारण है की ना तो रात में पीपल की पूजा की जाती है और रात में पीपल के पेड़ के पास जाने की लिए भी मना किया जाता है, इस लिये पीपल का पेड़ पवित्र और लाभदायक होने के बाद भी घर में लगाना मना है, क्योकी वास्तु भी इसको सही नहीं मानता है |

तो जानते हैं पीपल से जुड़ी कुछ बाते, जो बताती हैं पीपल की खासीयत को कुछ इस तरह

  • शास्त्र कहते हैं की पीपल को काटने से कई प्रकार के दोष लग जाते हैं | भगवान विष्णु का वरदान माना जाता है पीपल का पेड़, साथ ही माता लक्ष्मी जी भी पीपल में निवास करती हैं, इस कारण से की माता लक्ष्मी कुपित हो जायेगी पीपल को नहीं कटा जाता क्योकि लक्ष्मी की कुपित होते ही न केवल धन की हानि होगी साथ ही भगवान विष्णु भी रूठ जायेगे तो इंसान का जीवन एक अभिशाप ही बन जायेगा |
  • पीपल सबसे ज्यादा आक्सीजन देता है, जिस से प्राकृतिक रूप से संतुलन मिलता है इन्सान को और वातावरण शुद्ध रहता हैं|
  • शास्त्र कहते हैं की पूजा पाठ के लिये पीपल सबसे ज्यादा उपलब्ध और उपयोगी पेड़ है, भगवान शनि ने खुद कहा है की जो पीपल को जल देगा और दीपक जलाएगा और उसकी परिक्रमा करेगा उस पर मेरी साढ़ेसाती, महादशा, अन्तर्दशा, वक्री नजर का कोई कुअसर नहीं होगा, में उसको कोई दुःख नहीं दूंगा, साथ ही उसकी दूसरे ग्रहों के कुप्रभाव से भी रक्षा करूंगा |
  • वेदों में लिखा हैं की पीपल पर पित्र निवास करते हैं, इसके काटने पर पित्र रूठ जाते है और वंश को आगे नहीं चलने देते, ऐसे इन्सान के घर में फिर पुत्र पैदा ही नहीं होते या होते ही मर जाते है या पुत्री ही पैदा होती हैं जिससे वंश आगे बड़ना रुक जाता है साथ ही उस इंसान पर पित्र दोष भी लग जाता हैं
  • वृहद स्त्रोत्र रत्नाकर में लिखा हैं की इस के हर भाग में भगवान निवास करते हैं, पीपल के आगे के भाग में भ्रम का निवास है, मध्य में शिव का निवास है और पीपल के मूल में विष्णु रहते हैं, इस लिए पीपल मोक्ष दायक पेड़ हैं, गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन से कहा है की हे अर्जुन मै वृक्षों में पीपल हूँ, पीपल की पूजा करने से इंसान को मेरी पूजा का फल मिलता है और इसको काटने पर मेरे क्रोध का सामना करना पड़ता ही है, इस लिए पीपल को कभी न काटे तथा उसकी पूजा और परिक्रमा करके मुझे खुश करे |
  • महाभारत में वेद व्यास जी ने कहा है की पीपल को जलाना, तोड़ना, नोचना, काटना किसी के बसे बसाये घर को तोड़ने के जैसा ही है | पीपल को काटने पर इंसान महापापी बन जाता है, जबकि पीपल की पूजा करने से घर में धन, सम्पदा और वंश की बेल बड़ती है, सुख शांति आती हैं |

पीपल कब काट सकते हैं

  • अगर हवन की लिये पीपल की समिधा की जरुरत है तो पीपल काटना पाप नहीं माना जाता हैं |
  • किसी भी देव जनित काम के लिये पीपल काटना पाप नहीं मन जाता |
  • अगर पीपल लगी जगह पर मंदिर या स्कूल बन रहा हो तो पीपल काटना पाप नहीं होगा |
  • अगर गलत दिशा में पीपल का पेड़ लगा हो यानि पूरब दिशा मैं पीपल शुभ नहीं होता अगर पीपल पूरब में हैं तो काटने पर पाप नहीं लगता हैं|
  • अगर घर पर पीपल की छाया आ रही हो तब भी पीपल काटने पर पाप नहीं लगता हैं |

अब जाने पीपल को काटने की विधि और पूजा का तरीका

पीपल को काटने के लिए रविवार का दिन शास्त्र बताते हैं, क्योकि रविवार के दिन पीपल पर माता लक्ष्मी का नहीं बल्कि अलक्ष्मी का वास माना जाता है, और बाकि देवी देवता भी इस दिन इस पेड से निकल जाते हैं, इसलिये रविवार के दिन किसी भी देवी देवता का निवास पीपल के पेड पर ना होने के कारण ईस पेड को रविवार के दिन काटना तय किया गया है |

काटने से पहले ऐसे करे पूजा

सबसे पहले पीपल के पेड की जड़ मे कच्चा दूध और चीनी मिला जल चड़ाए फिर उसमे देसी घी का दिया जलाये, धुप दिखाए और फूल चड़ाए, मिठाई चड़ाए और पेड़ काटने का कारण बताते हुए छमा मांगे अगर पेड़ छोटा है तो उसे वहाँ से निकाल कर किसी साफ़ जगह पर लगा दें और अगर पेड़ बड़ा है तो उसे बिना काटे निकालने का प्रयास करें अगर वो निकल जाए तो उसे किसी साफ़ जगह पर लगा दें और अगर बिना काटे ना निकल पाए तो उसके बदले मे 9 या 29 छोटे पौधे रास्ते मे लगाए अगर इतने ना लगा पायें तो एक पौधा मंदिर मे लगाए और उसकी देख भाल करें | ये सब पूजा पाठ करने के बाद ही पीपल के पेड़ को काटन के पाप से मुक्त हो पाएंगे नहीं तो आपको और आपके परिवार को पीपल काटने के पाप के कारण एक नहीं अनेक दुखों का सामना करना पड़ेगा साथ ही आप को पित्र दोष भी लगेगा जो की आपको हमेशा ही कष्ट देता रहेगा, इस लिए पीपल का पेड़ बहुत ज्यादा जरुरी हो तब ही काटे वो भी किसी बुद्धिमान पंडितजी के सामने पूजा पाठ करने के बाद, और किसी भी दोष को अपने जीवन में लाने से बचे |

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