आईवीएफ या कोई अन्य फर्टीलिटी उपचार कराते समय चिंता महसूस होना आम बात है। अगर शुरूआती अवस्था में तनाव दूर न हो तो यह बाद में महिला और कपल्स के लिए मुश्किल का कारण बन सकता है। सबसे पहले आईवीएफ का फैसला, एक कपल के जीवन का बहुत बड़ा फैसला होता है। हालांकि यह उम्मीद की एक नई किरण लेकर आता है, लेकिन इसका अनुभव अपने आप में अलग होता है। 

उपचार को सफल बनाने के लिए इस तरह के भावनात्मक तनाव से बचना बहुत ज़रूरी है। ऐसे कई कारक हैं जो तनाव का कारण बन सकते हैं, ये हॉर्मोन से लेकर उम्मीद या डर तक कुछ भी हो सकते हैं। एक व्यक्ति को पहले से समझ लेन चाहिए कि आईवीएफ के लिए विशेष देखभाल की ज़रूरत होती है, लेकिन एक बार गर्भधारण हो जाने के बाद गर्भावस्था में ठीक उसी तरह के ऐहतियात बरतने चाहिए, जैसे सामान्य गर्भधारण में बरतने चाहिए। लेकिन गर्भधारण तक पहुंचना कई बार मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो जाता है।  

दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का सुझाव है कि सही सपोर्ट सिस्टम इस यात्रा को सफल बना सकता है। पूरी प्रक्रिया में तनाव को कम करने की कोशिश करनी चाहिए। सभी दिन एक से नहीं होते, कभी-कभी हमें ज़्यादा मुश्किल का सामना भी करना पड़ सकता है। लेकिन आईवीएफ को सहज एवं आशापूर्ण बनाया जा सकता है।

आईवीएफ के तनाव को दूर करने के लिए सुझाव

सही क्लिनिक और डॉक्टर चुनेंः 

सबसे पहले सही फर्टीलिटी क्लिनिक चुनना बहुत ज़रूरी है। जब रीसर्च कर रहे हैं तो क्लिनिक की सफलता दर पर ध्यान दें, फीडबैक देखें, देखें कि क्या मरीज़ आपके जैसे थे। इसके बाद इस बात पर ध्यान दें कि जब आप अस्पताल जाते हैं तो क्या टीम आपको सहज महसूस कराती है। क्या आप सहजता से सवाल पूछ पाते हैं? क्या आपको स्पष्ट जवाब मिलते हैं, और क्या टीम आपको पूरी जानकारी देती है।  

आईवीएफ के बारे में जानकारी पाएंः कोई भी जानकारी बेकार नहीं जाती, हर कदम पर हर जानकारी पानी चाहिए। डॉक्टर से पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी पाएं। अगर आपको पूरी जानकारी मिलेगी तो आपका तनाव दूर होगा। आप डॉक्टर से मिलने वाले किसी अन्य कपल से भी बातचीत कर सकते हैं, जो पहले से यहां आईवीएफ करा चुके हों। इससे भी आपका तनाव कुछ कम हो जाएगा। 

अपने पार्टनर से बात करेंः कोई भी फैसला खुद लेना मुश्किल हो सकता है। इसलिए उपचार के हर पहलू के बारे में अपने पार्टनर से बात करें। इस प्रक्रिया में आपको हर कदम पर अपने पार्टनर की ज़रूरत होगी।

कपल और फैमिली के लिए काउन्सलिंग कारगर हो सकती हैः आपका रिश्ता चाहे कितना ही मजबूत हो, आईवीएफ कई कपल्स पर भारी पड़ता है। आप दोनों को सपोर्ट की ज़रूरत होती है। यह भी ज़रूरी है कि आपके माता-पिता और सास-ससुर भी इस तरह की काउन्सलिंग लें।

तनाव प्रबंधन की तकनीकें अपनाएंः साबित हो गया है कि योगा, मनन और अन्य व्यायाम तनाव से बचने में कारगर हैं। नियमित रूप से योगा और मनन कर आप आईवीएफ उपचार को आसान बना सकते है। इस समय में तनाव से बचने के लिए अपने शौक अपनाएं, मस्ती और मनोरंजन के लिए समय निकालें।

आपका आईवीएफ साइकल कैसा होगा, इस बात को लेकर चिंता न करें, बल्कि यह सोचें इस प्रक्रिया ने आपको उम्मीद की नई किरण दी है, जीवन में अपने सपने पूरा करने और कुछ सीखने का मौका दिया है। आप अपने मन में छिपी क्षमता से किसी भी मुश्किल पर जीत पा सकते हैं। आपको इस पर गर्व होना चाहिए। 

डॉ असवती नायर, फर्टीलिटी कन्सलटेन्ट, नोवा आईवीएफ फर्टीलिटी  से बातचीत पर आधारित

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