16th March 2021
आपकी प्रतिक्रिया आपके तनाव के स्तर को निर्धारित करती है। सामान्य तनावों पर विचार करने के लिए समय निकालें
आज कल का लाइफस्टाइल इतना हेक्टिक हो गया है की लोगो को यह समझ ही नहीं आता कि इससे उनकी सेहत पर कितना बुरा असर पड़ सकता है ।अंदरुनी तनाव जीवन का एक सामान्य हिस्सा है जो या तो हमें सीखने और बढ़ने में मदद करता है या हमें परेशानी में डालता है।अंदरुनी तनाव के कारण शक्तिशाली न्यूरोकेमिकल्स और हार्मोन बनता है जो हमें लड़ने या भागने के लिए प्रेरित करता है।यदि हम इसका इलाज नहीं करते हैं, तो अंदरुनी तनाव स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करने का कारक बनता है क्या है वो खास कारण जिसकी वजह से लंबे समय तक यदि इलाज न करें, तो ये अप्रत्याशित और असहनीय अंदरुनी तनाव सबसे ज्यादा नुकसानदेह हैं।
क्यों लोग खुद से ही नाखुश रहते है
बहुत सारे रीज़न है जब लोग सोचते है को वो अपनी जिंदगी से नाखुश है , इसका यही एक अल्टीमेट रीज़न है कि लोग भूल जाते है कि उनकी जिंदगी जीने का पर्पस क्या है । पर्पस हमारी जिंदगी का एक ऐसा हिस्सा है जो हमारे थॉट्स को शेप देते है , हमें लोगो से इंटरैक्ट करना सीखते है ,जो डिटरमाइन करते है हमारे बॉडी टाइप ,शेप एंड स्ट्रक्चर । यह हमें हमारा अंदरूनी टैलेंट , ट्रू आइडेंटिटी का एहसास दिलाते है। आयुर्वेद में इसका एविडेंस देखा गया है । कहा गया है कि जब कोई अपनी लाइफ दोष और एलीमेंटल कांस्टीट्यूशन के अलाइनमेंट के साथ नहीं जीता तो उनकी मेंटल ,इमोशनल एंड फिजिकल हेल्थ पर बुरा प्रभाव पड़ता है । क्यों ? क्योंकि यह हमारा लाइफ पर्पस है जो डिटरमाइन करता है आयुर्वेदिक दोषा एंड एलीमेंटल कंपोजिशन जिससे हम शुरुआत करते है ।
कहा जाता है कि स्ट्रेस हमारे सेहत पर बुरा असर पड़ता है
बिलकुल , 100% हां । मेडिकल कम्युनिटी का भी मानना है की स्ट्रेस हमारी इम्यूनिटी को कम करता है , एलिवेटेड कोर्टिसोल ( जो बॉडी स्ट्रेस हार्मोन है ) गुट्स माइक्रोबायोम को हार्मोन से बाहर फेंकता है ,जिससे मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम होती है। स्ट्रेस को मैनेज करना हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है ।
स्ट्रेस किस तरह से कम करे
फिजिकल और मेंटल हेल्थ के बीच क्या अंतर है
मेंटल हेल्थ हमारे फिजिकल हेल्थ की नींव है । हमारा माइंड और बॉडी एक दूसरे से कनेक्ट रहता है ,जिसका पता हमे हार्मोन्स , एंड माइक्रोबायोम , स्ट्रेस , हैप्पीनेस और आदि चीजों से पता चलता है । हम क्या करते हैं और सोचते हैं इसका सीधा प्रभाव हमारी फिजिकल हेल्थ पर पड़ता है। आप सिर्फ मेंटल हेल्थ पर ध्यान देकर अपने स्वास्थ्य को नियंत्रित करना सीख सकती हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हम शरीर की देखभाल करने के लिए बहुत सारी चीजें करते हैं, जैसे कि स्वस्थ आहार, व्यायाम, पर्याप्त नींद लेना और बहुत कुछ, सभी स्वस्थ मानसिकता बनाने का एक बड़ा हिस्सा हैं। होता यह है कि जब भी दोनों में से किसी भी एक पर आउटर प्रभाव होता है तो पूरे शरीर की मेंटल एवं फिजिकल हेल्थ प्रभावित होती है क्योंकि दोनों ही एक दूसरे का हिस्सा है। और जब किसी भी एक हिस्सेसे पर तनाव का प्रभाव होता है तो दूसरा हिस्सा भी बिना प्रभावित हुए नहीं रहता।
‘दी वेल मेथड ' क्या है ?
यह प्रत्येक व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह जीवन में उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण क्या है, इस आधार पर अपनी खुद की एक बीस्पोक योजना बनाएं।
W- वर्क लाइफ हार्मोनी
E- एक्सपेक्ट एक्सक्लेंस एंड एनेबल ऑथर्स
2L - लिव यॉर पर्पस एंड लव
यह मेथड हमारा पोटेंशियल बढ़ाता है और उस पोटेंशियल को रियलिटी में बदलने में सहायता करता है । जीवन में आना,प्यार व दयालुता होने और यह महसूस करना कि कोई भी पूर्ण नहीं है, यहां तक कि खुद भी नहीं। यह दूसरों को उत्कृष्टता प्रदान करने में सक्षम बनाता है। हम सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए दूसरों से थोड़ा अधिक प्यार और करुणा दिखाते हुए, आप इसे अपने जीवन में भी महसूस कर सकते हैं। असल में हम सभी में एक ऐसी ताकत है जो हमें अंदर से मजबूत बनाती है ,बस हमें सब को उस ताकत का एहसास करना है उस ताकत को ढूंढना है । जो कि सिर्फ इस WELL मेथड से सम्भव है। इन सभी बातों को आपने असल जिंदगी में आजमा के देखें , कि यह सब बातें असल जिंदगी में कैसे काम करती हैं।
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